काशी मरणान्मुक्ति Kashi Marnanmukti (Hindi)
Material type:
- 9788191092714
- THA 294.54
Item type | Current library | Item location | Collection | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds | |
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NIMA Knowledge Centre | 9th Floor Reading Zone | General | 294.54 THK (Browse shelf(Opens below)) | Available | M0031061 |
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश:
कहानी एक ही है और नायक भी एक। किंतु एक ही नायक के ये दो रूप-एक जगत् मे ख्यात, तो दूसरा अनजाना अज्ञात। एक फूलों से उठती सुगंध तो दूसरा चिता में जलते मुर्दों की दुर्गंध। एक सूर्य से उजला दिन, तो दूसरा चंद्रविहीन अमावस्या की अँधेरी रात। एक विवाह के मंडप में सजी दुलहन की चुनरी का रचियता, तो दूसरा जीर्ण-शीर्ण मल-मूत्र से भरी मृत काया का दाहकर्ता। एक श्री विष्णुरूप रामानंद का शिष्य, तो दूसरा श्री शिवरूप गुरु का चेला।
कबीर को समझने वाले यदि महा को न समझें, तो परमात्मा के रहस्य को नहीं समझ सकते। कबीर को चाहने वाले यदि महा को न चाहें तो मुक्ति कोसों दूर है...
...स्वयं जीवन जीकर जीवन तो सीख सकते हैं, दूसरों को सिखा भी सकते हैं और साथ ही मृत्यु से मित्रता भी कर सकते हैं, परंतु किसी को मृत्यु ऐसे नहीं सिखा सकते, जैसे जीना।
काशी मरणान्मुक्ति तो ऐसी स्थिति है जो किसी अज्ञात गुफा में छिपी बैठी है और किसी-किसी के लिए वह वहाँ से निकल, स्वप्रकाश में अभिव्यकत हो उठती है।
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